बैटरी क्या होती है(Battery kya hoti hai)?-दोस्तों शायद ही कोई होगा जो “बैटरी” शब्द को नहीं जानता होगा आखिर ये हमारी जिंदगी में बैटरी ने बहुत काफी जगह ले रखी है, फिर चाहे वो डिवाइस छोटे से छोटा या बड़े से बड़ा.. हमारी हाथ की घड़ी में बेटरी हमारे मोबाइल में बेटरी, लैपटॉप में बेटरी, दोस्तों घर के इन्वर्टर या फिर ऑडी,मर्सेडीज़ जैसी लक्सरी इलेक्ट्रिक वाहन के साथ बड़े-बड़े कारखानों में बड़ी-बड़ी बैटरी.
दोस्तों आज हम इसी बैटरी को जानेंगे की आखिर यह बैटरी क्या होती है? इसको किसने बनाया और कैसे काम करती है और भी बहुत कुछ..
बैट्ररी की परिभाषा, बैटरी की फुल फॉर्म तथा वर्तमान में बैटरी की गाड़िया कोनसी बैट्ररी पर काम करती है–बैटरी क्या होती है?

बैटरी क्या होती है? पूरी जानकारी [2023]
बैटरी क्या होती है ?
बैटरी एक एनर्जी स्टोरेज डिवाइस है जो कि बहुत सारे सेल्ज़ को जोड़कर बनाई जाती है। सेल्ज़ के अन्दर इलेक्ट्रो केमिकल रिएक्शन होते है जो कि केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलते हैं. ये इलेक्ट्रो केमिकल रिएक्शंस, केमिकल में मौजूद आयन की वजह से होते हैं.[बैटरी क्या होती है?]
बैटरी विधुत शक्ति का एक स्रोत है जिसमें विधुत डिवाइस को पावर देने के लिए बाहरी कनेक्शन वाले एक या एक से अधिक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल होते हैं। जब एक बैटरी बिजली की आपूर्ति कर रही होती है, तो इसका धनात्मक टर्मिनल कैथोड होता है और इसका ऋणात्मक टर्मिनल एनोड होता है। इस प्रकार की प्रतिक्रिया में विद्युत परिपथ के माध्यम से एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण शामिल होता है।
जबकि बैटरी शब्द का मतलब है, सेल विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने या स्टोर करने के लिए उपयोग की जाने वाली वास्तविक विधुत रासायनिक इकाई है।
जब बैटरी के एनोड(+) और कैथोड(-) को एक सर्किट से जोड़ा जाता है, तो एनोड और इलेक्ट्रोलाइट के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। यह प्रतिक्रिया इलेक्ट्रॉनों को सर्किट के माध्यम से प्रवाहित करती है और कैथोड में वापस जाती है जहां एक और रासायनिक प्रतिक्रिया होती है।
जब बेटरी के केमिकल चार्ज नहीं होते है और उनमे कोई क्रिया नहीं होती है तब हम बेटरी “DEAD” शब्द बोलते है
बैटरी के प्रकार–
“रासायनिक बैटरी” को दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया गया है।
- प्राथमिक बैटरी
- द्वितीयक बैटरी
1. प्राथमिक(Primary) बैटरी
प्राथमिक बैटरियों को केवल एक बार ही चार्ज किया जा सकता है। जब इन बैटरियों को पूरी तरह से उपयोग में ले लिया जाता है, तो वे बेकार हो जाती हैं और उन्हें फेंक दिया। प्राथमिक बैटरियों को रिचार्ज नहीं करने का सबसे आम कारण यह है कि उनके अंदर होने वाली विद्युत रासायनिक प्रतिक्रिया अपरिवर्तनशील है।
प्राथमिक बैटरी (Primary Bettery) को Use-and-Throw बैटरी तथा (Non-rechargeable battery) भी कहा जाता है।
उदाहरण:- टीवी रिमोट तथा घड़ियों की बैटरी
प्राथमिक बैटरियों (Primary battery) के दो प्रकार हैं।
- क्षारीय बैटरी
- सिक्का सेल बैटरी
2. द्वितीयक(Secondry ) बैटरी
दूसरी ओर, सेकेंडरी बैटरियां वे बैटरियां हैं जिन्हें पुनः चार्ज किया जा सकता है और कई चार्जिंग-डिस्चार्जिंग चक्रों के साथ पुन: उपयोग किया जा सकता है। इन बैटरियों के अंदर होने वाली विद्युत रासायनिक प्रतिक्रियाएं आमतौर पर प्रकृति में प्रतिवर्ती होती हैं। इसलिए, द्वितीयक बैटरी को रिचार्जेबल बैटरी(Recharable Bettery) के रूप में भी जाना जाता है।~~बैटरी क्या होती है?
डिस्चार्ज करते समय, रिएक्टेंट्स मिलकर उत्पाद बनाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बिजली का प्रवाह होता है। चार्ज करते समय, बैटरी में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह रिवर्स रिएक्शन की सुविधा देता है, जिसमें उत्पाद रिएक्टेंट्स बनाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं।
उदाहरण: मोबाइल बैटरी, इन्वर्टर बैटरी, कार बैटरी, यूपीएस बैटरी (UPS Battery), लिथियम बैटरी
द्वितीयक बैटरियों(secondary battery) के दो प्रकार हैं।
- Lead-acid Batteries
- Ni-Cd Battery
- Ni-MH Battery
- Li-ion Battery
- Li-Po battery
जिन बैटरियों को उपयोग के बाद फिर कभी काम में नहीं लिया जाता है, उन्हें प्राथमिक बैटरी के रूप में जाना जाता है।
जिन बैटरियों को पुनः रिचार्ज कर फिर से काम में लिया जाये, उन्हें सेकेंडरी बैटरी कहा जाता है।
बैटरी का इतिहास

- बैटरी शब्द कहा से आया
सन्न 1749 में, बेंजामिन फ्रैंकलिन ने पहली बार इस “Battery” शब्द का इस्तेमाल कैपेसिटर की एक सीरीज का व्याख्या करने के लिए किया था जिसे उन्होंने अपने बिजली प्रयोगों के लिए जोड़ा था।
- बैटरी का आविष्कार
सन्न 1780 में, लुइगी गलवानी नामक एक इतालवी जीवविज्ञानी ने पाया कि जब दो अलग-अलग प्रकार की धातु एक मृत मेंढक के पैर के संपर्क में आई, तो उनके बीच एक विधुत प्रवाह चला और पैर हिल गया। ऐसा माना जाता है कि यह बैटरी सिद्धांत के पीछे की पहली खोज है।
एलेसेंड्रो वोल्टा (Alessandro Volta) ने एक आधुनिक बेटरी का आधार रखा, यह वोल्टा बैटरी है, जो आधुनिक रासायनिक बैटरियों का आधार बनती है। इसकी खोज एलेसेंड्रो वोल्टा नामक एक अन्य इतालवी ने की थी, जिसके नाम पर बैटरी का नाम 1800 में रखा गया था।
फिर,1868 में, जॉर्जेस लैकलांची नामक एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने “लेक्लान्ची सेल” (Leclanché cell) का आविष्कार किया। यह वर्तमान की ड्राई बैटरियों की खोज थी,
बैटरी के तत्व
बैटरी में 3 मुख्य बुनियादी घटक होते है – एनोड, कैथोड और इलेक्ट्रोलाइट (Cathode, Anode and इलेक्ट्रोलाइट)।
- एनोड
- कैथोड
- इलेक्ट्रोलाइट
एनोड(ANODE) क्या होता है ?
सरल शब्दो में, इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री में एक एनोड [+] वह धनात्मक बिंदु होता है जहां ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया होती है । आम तौर पर, एक एनोड पर, अपनी विद्युत क्षमता के कारण आयन प्रतिक्रिया करते हैं और इलेक्ट्रॉनों को छोड़ देते हैं। ये इलेक्ट्रॉन तब ऊपर की और ड्राइविंग सर्किट में चले जाते हैं। [बैटरी क्या होती है?]
एनोड वह इलेक्ट्रोड है जहां बिजली चलती है, एनोड आमतौर पर पोसिटिव साइड होता है।
केथोड(CATHODE) क्या होता है ?
साधारण भाषा में जब हम रसायन विज्ञान में कैथोड के बारे में बात करते हैं, तो इसे इलेक्ट्रोड कहा जाता है जहां कमी होती है। यह एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल में सामान्य है। यहां, कैथोड ऋणात्मक [-] है क्योंकि सेल को आपूर्ति की जाने वाली विधुत ऊर्जा रासायनिक यौगिकों के अपघटन में बदलती है। इसके अलावा, कैथोड को या तो गर्म कैथोड या ठंडा कैथोड कहा जाता है ।
कैथोड वह इलेक्ट्रोड है जहां बिजली दी जाती है या बह जाती है, कैथोड(cathode) एक नेगटिव साइड है।
इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) क्या होता है ?
इलेक्ट्रोलाइट बैटरी के अंदर एक विलयन है। बैटरी के प्रकार के आधार पर, यह एक तरल या पेस्ट जैसा पदार्थ हो सकता है। हालांकि, बैटरी के प्रकार से कोई फर्क नहीं पड़ता, इलेक्ट्रोलाइट एक ही उद्देश्य को पूरा करता है: यह कैथोड और एनोड के बीच धनात्मक चार्ज आयनों को स्थानांतरित करता है।
बैटरी mAh की फुल फॉर्म क्या है?
mAh Full Form “milli Ampere hour or milli Amp hour”
mAh Full Form | milli Ampere hour or milli Amp hour |
mAh फुल फॉर्म | मिली एम्पेयर ऑवर |
mAh की फुल फॉर्म “मिली एम्पेयर ऑवर” है
यह केवल बैटरी की स्टोरेज क्षमता को मापता है। A-Ampere, H-Hour और m-milli होता है।
बैटरी टेक्नोलॉजी
वर्तमान में बहुत सी बैटरी टेक्नोलॉजी हैं जो बैटरी को सरल व आसानी से उपयोग में बनती है। नीचे कुछ प्रमुख प्रकारों की सूची दी गई है जो वर्तमान में बहुत प्रचलित है।[बैटरी क्या होती है?]
- ली-आयन (लिथियम आयन)
- ली-पॉलिमर (लिथियम पॉलिमर)
- NICAD (निकल-कैडमियम)
- NIMH (निकल-मेटल हाइड्राइड)

लिथियम-आयन(lithium-ion/LIB) बैटरी क्या होती है और कैसे काम करती है?
लिथियम आयन बैटरी एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है जो सामान्यतः हमारे मोबाइल और लैपटॉप लगी होती है।[बैटरी क्या होती है?]
लिथियम-आयन बैटरी इन दिनों काफी लोकप्रिय हैं। आप उन्हें स्मार्टफोन, लैपटॉप में देख सकते है।
लिथियम-आयन बैटरी(LIB) आम तौर पर अन्य दूसरी प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी के वजन की तुलना में बहुत हल्की होती हैं। लिथियम-आयन बैटरी के इलेक्ट्रोड हल्के लिथियम और कार्बन से बने होते हैं ।
- लिथियम-आयन बैटरी सैकड़ों बार चार्ज/डिस्चार्ज को झेल सकती है।
- लिथियम-आयन बैटरी बटन से लेकर कमरे की साइज तक सभी साइज में आती हैं, लेकिन वे सभी अंदर से एक जैसी होती है।
लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी का उपयोग
इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, स्मार्टफोन, हैंडहेल्ड पावर टूल्स, इलेक्ट्रिक वाहनों(EV) और विद्युत ऊर्जा स्टोरेज में किया जाता है।
बैटरी क्या होती है?
बैटरी से संबधित सवाल
बैटरी किसे कहते हैं?
एक डिवाइस जो स्मार्टफोन,इलेक्ट्रिक खिलौने, रेडियो, इलेक्ट्रिक कार आदि के लिए विधुत प्रदान करता है।
बैटरी में क्या होता है?
एक सामान्य बैटरी में: एनोड(+), कैथोड (-) तथा इलेक्ट्रोलाइट होते है।
सेना में बैटरी का क्या काम है?
सेना में बेहतर संचार तथा लॉन्चर, मिसाइल कई सिस्टम में बैटरी की मदद ली जाती है
बैटरी किस तरह की ऊर्जा है?
बैटरी रासायनिक ऊर्जा है।
करंट की इकाई क्या है?
विधुत प्रवाह की SI इकाई “एम्पीयर” है
बैटरी क्या होती है?
बैटरियां एक या एक से अधिक सेल का एक संग्रह होती हैं जिनकी रासायनिक प्रतिक्रियाएं एक सर्किट में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह बनाती हैं। और ये ही बैटरी होती है